Tuesday, September 17, 2019

श्री दुर्गाष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम्

श्री दुर्गाष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम्



  shri durga ashtottar shatnamm stotram
  shri durga ashtottar shatnamm stotram



ईश्वर उवाच
शतनाम प्रवक्ष्यामि श्रृणुष्व कमलानने।
यस्य प्रसादमात्रेण दुर्गा प्रीता भवेत् सती॥१॥
ॐ सती साध्वी भवप्रीता भवानी भवमोचनी ।
आर्या दुर्गा जया चाद्या त्रिनेत्रा शूलधारिणी॥२॥
पिनाकधारिणी चित्रा चण्डघण्टा महातपा:।
मनो बुद्धिरहंकारा चित्तरूपा चिता चिति:॥३॥
सर्वमन्त्रमयी सत्ता सत्यानन्दस्वरूपिणी।
अनन्ता भाविनी भाव्या भव्याभव्या सदागति:॥४॥
शंकरजी पार्वतीजी से कहते हैं – कमलानने ! अब मैं अष्टोत्तरशतनाम का वर्णन करता हूँ, सुनो ; जिसके प्रसाद ( पाठ या श्रवण ) मात्र से परम साध्वी भगवती दुर्गा प्रसन्न हो जाती हैं॥१॥
१. ॐ सती
२. साध्वी
३. भवप्रीता ( भगवान् शिवपर प्रीति रखनेवाली)
४. भवानी
५. भवमोचनी (संसार बंधनों से मुक्त करनेवाली)
६. आर्या
७. दुर्गा
८. जया
९. आद्या
१०. त्रिनेत्रा
११. शूलधारिणी
१२. पिनाकधारिणी
१३. चित्रा
१४. चण्डघण्टा ( प्रचण्ड स्वर से घण्टानाद करनेवाली)
१५. महातपा ( भारी तपस्या करनेवाली)
१६. मन (मनन करनेवाली)
१७. बुद्धि (बोधशक्ति)
१८. अहंकारा ( अहंताका आश्रय )
१९. चित्तरूपा
२०. चिता
२१. चिति (चेतना)
२२. सर्वमन्त्रमयी
२३. सत्ता (सत् – स्वरूपा )
२४. सत्यानन्दस्वरूपिणी
२५. अनन्ता (जिनके स्वरूप का कहीं अंत नहीं)
२६. भाविनी ( सबको उत्पन्न करनेवाली )
२७. भाव्या (भावना एवं ध्यान करनेयोग्य)
२८. भव्या ( कल्याणरूपा)
२९. अभव्या ( जिससे बढ़कर भव्य कहीं है नहीं )
३०. सदागति
शाम्भवी देवमाता च चिन्ता रत्नप्रिया सदा।
सर्वविद्या दक्षकन्या दक्षयज्ञविनाशिनी॥५॥
अपर्णानेकवर्णा च पाटला पाटलावती।
पट्टाम्बरपरीधाना कलमञ्जीररञ्जिनी॥६॥
अमेयविक्रमा क्रूरा सुन्दरी सुरसुन्दरी।
वनदुर्गा च मातङ्गी मतङ्गमुनिपूजिता॥७॥
ब्राह्मी माहेश्वरी चैन्द्री कौमारी वैष्णवी तथा।
चामुण्डा चैव वाराही लक्ष्मीश्च पुरुषाकृति:॥८॥
विमलोत्कर्षिणी ज्ञाना क्रिया नित्या च बुद्धिदा।
बहुला बहुलप्रेमा सर्ववाहनवाहना॥९॥
निशुम्भशुम्भहननी महिषासुरमर्दिनी।
मधुकैटभहन्त्री च चण्डमुण्डविनाशिनी ॥१०॥
सर्वासुरविनाशा च सर्वदानवघातिनी।
सर्वशास्त्रमयी सत्या सर्वास्त्रधारिणी तथा॥११॥
३१. शाम्भवी (शिवप्रिया)
३२. देवमाता
३३. चिन्ता
३४. रत्नप्रिया
३५. सर्वविद्या
३६. दक्षकन्या
३७. दक्षयज्ञविनाशिनी
३८. अपर्णा (तपस्या के समय पत्ते को भी न खानेवाली)
३९. अनेकवर्णा ( अनेक रंगोंवाली)
४०. पाटला ( लाल रंगवाली)
४१. पाटलावती (गुलाबके फूल या लाल फूल धारण करनेवाली )
४२. पट्टाम्बरपरीधाना ( रेशमी वस्त्र पहननेवाली)
४३. कलमंजीररंजिनी ( मधुर ध्वनि करनेवाले मंजीर को धारण करके प्रसन्न रहनेवाली)
४४. अमेयविक्रमा ( असीम पराक्रमवाली )
४५. क्रूरा ( दैत्यों के प्रति कठोर )
४६. सुन्दरी
४७. सुरसुन्दरी
४८. वनदुर्गा
४९. मातंगी
५०. मतंगमुनिपूजिता
५१. ब्राह्मी
५२. माहेश्वरी
५३. ऐन्द्री
५४. कौमारी
५५. वैष्णवी
५६. चामुण्डा
५७. वाराही
५८. लक्ष्मी
५९. पुरुषाकृति
६०. विमला
६१. उत्कर्षिणी
६२. ज्ञाना
६३. क्रिया
६४. नित्या
६५. बुद्धिदा
६६. बहुला
६७. बहुलप्रेमा
६८. सर्ववाहनवाहना
६९. निशुम्भ-शुम्भहननी
७०. महिषासुरमर्दिनी
७१. मधुकैटभहन्त्री
७२. चण्डमुण्डविनाशिनी
७३. सर्वासुरविनाशा
७४. सर्वदानवघातिनी
७५. सर्वशास्त्रमयी
७६. सत्या
७७. सर्वशास्त्रधारिणी
अनेकशस्त्रहस्ता च अनेकास्त्रस्य धारिणी।
कुमारी चैककन्या च कैशोरी युवती यति:॥१२॥
अप्रौढ़ा चैव प्रौढ़ा च वृद्धमाता बलप्रदा।
महोदरी मुक्तकेशी घोररूपा महाबला॥१३॥
अग्निज्वाला रौद्रमुखी कालरात्रिस्तपस्विनी।
नारायणी भद्रकाली विष्णुमाया जलोदरी॥१४॥
शिवदूती कराली च अनन्ता परमेश्वरी।
कात्यायनी च सावित्री प्रत्यक्षा ब्रह्मवादिनी ॥१५॥
य इदं प्रपठेन्नित्यं दुर्गानामशताष्टकम्।
नासाध्यं विद्यते देवि त्रिषु लोकेषु पार्वति॥१६॥
धनं धान्यं सुतं जायां हयं हस्तिनमेव च ।
चतुर्वर्गं तथा चान्ते लभेन्मुक्तिं च शाश्वतीम्॥१७॥
७८. अनेकशस्त्रहस्ता
७९. अनेकास्त्रधारिणी
८०. कुमारी
८१. एककन्या
८२. कैशोरी
८३. युवती
८४. यति
८५. अप्रौढ़ा
८६. प्रौढ़ा
८७. वृद्धमाता
८८. बलप्रदा
८९. महोदरी
९०. मुक्तकेशी
९१. घोररूपा
९२. महाबला
९३. अग्निज्वाला
९४. रौद्रमुखी
९५. कालरात्रि
९६. तपस्विनी
९७. नारायणी
९८. भद्रकाली
९९. विष्णुमाया
१००. जलोदरी
१०१. शिवदूती
१०२. कराली
१०३. अनन्ता(विनाशरहित)
१०४. परमेश्वरी
१०५. कात्यायनी
१०६. सावित्री
१०७. प्रत्यक्षा
१०८. ब्रह्मवादिनी

देवी पार्वती ! जो प्रतिदिन दुर्गाजी के इस अष्टोत्तरशतनामका पाठ करता है , उसके लिये तीनों लोकों में कुछ भी असाध्य नहीं है ॥१६॥ वह धन , धान्य , पुत्र ,स्त्री ,घोड़ा , हाथी ,धर्म आदि चार पुरुषार्थ तथा अन्त में सनातन मुक्ति भी प्राप्त कर लेता है ॥१७।।
कुमारीं पूजयित्वा तु ध्यात्वा देवीं सुरेश्वरीम्।
पूजयेत् परया भक्त्या पठेन्नामशताष्टकम्॥१८॥
तस्य सिद्धिर्भवेद् देवि सर्वै: सुरवरैरपि।
राजानो दासतां यान्ति राज्यश्रियमवाप्नुयात् ॥१९॥
गोरोचनालक्तककुङ्कुमेन
सिन्दूरकर्पूरमधुत्रयेण ।
विलिख्यं यन्त्रं विधिना विधिज्ञो
भवेत् सदा धारयते पुरारि:॥२०॥
भौमावास्यानिशामग्रे चन्द्रे शतभिषां गते।
विलिख्य प्रपठेत् स्तोत्रं स भवेत् सम्पदां पदम्॥२१॥
॥इति श्रीविश्वसारतन्त्रे दुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रं समाप्तम्।
कुमारी का पूजन और देवी सुरेश्वरी का ध्यान करके पराभक्ति के साथ उनका पूजन करे , फिर अष्टोत्तरशतनामका पाठ आरम्भ करे ॥१८॥
देवि ! जो ऐसा करता है , उसे सब श्रेष्ठ देवताओं से भी सिद्धि प्राप्त होती हैं । राजा उसके दास हो जाते हैं । वह राज्यलक्ष्मी को प्राप्त कर लेता है ॥१९॥
गोरोचन , लाक्षा , कुंकुम ,सिंदूर , कपूर , घी ( अथवा दूध ) , चीनी और मधु – इन वस्तुओं को एकत्र करके इनसे विधिपूर्वक यंत्र लिखकर जो विधिज्ञ पुरुष सदा उस यन्त्र को धारण करता , वह शिव तुल्य ( मोक्षरूप ) हो जाता है ॥२०॥
भौमवती अमावस्या की आधी रात में , जब चन्द्रमा शतभेषा नक्षत्रपर हों , उस समय इस स्तोत्र को लिखकर जो इसका पाठ करता है वह सम्पत्तिशाली होता है ॥२१॥


                      shri durga ashtottar shatnamm stotram





God say,
Stnam Prvkshhyami Srrinushv Kmlanne.
Ysy Prasadmatren Durga prita Bvet Sati 0.1.
Sati nun Bvpreeta Bhavani Bvmocni.
Arya Durga Jaya Chadya trinetra Suldharini 0.2.
Pinakdharini Figure Cndgnta Mahatpa :.
Mano Buddhirhnkara Cittrupa pyre stack: 0.3.
Srwmntrmayi power Styanandswrupini.
Ananta bhavini Bawya Bwyabwya Sadagti: 0.4.
Shankarji says Parwatiji - Kmlanne! Listen Now I'll describe Ashtottrstnam; The offerings (text or auditory) only the ultimate nun Goddess Durga are pleased to 0.1.
1. Sati
2. Nun
3. Bvpreeta (God Shivpr love holding)
4. Bhavani
5. Bvmocni (Galvanic free world bonds)
6. Arya
7. Durga
8. Jaya
9. Adya
10. Trinetra
11. Suldharini
12. Pinakdharini
13. Figure
14. Cndgnta (Gntanad by strong tone
masseuse) 15. Mahatpa (heavy austerity
masseuse) 16. Mind (meditation
masseuse) 17. IQ (Bodskti)
18. Ahnkara (Ahntaka shelter)
1 9. Cittrupa
20. Chita
21. Stack
(consciousness) 22. Srwmntrmayi
23. Power (Sat - swarupaa)
24. Styanandswrupini
25. Ananta (nowhere ended with
format) 26. Bhavini (generate all of those)
27. Bawya (sense and attention
Krneyogy) 28. Bwya
(Kalyanrupa) 2 9. Abwya (which does not increase the grand elsewhere)
30. Sadagti
Shambhavi devamata high concern ratnapriya always.
Sarvavidya daksakanya daksayajnavinasini 5.
Aparnanekavarna f Patlu patalavati.
Pattambaraparidhana kalamanjiraranjini 6.
Ameyavikrama cruel beauty surasundari.
Vanadurga f matangi matangamunipujita 7.
Brahmi Maheshwari caindri kaumari and Vaishnavi.
Chamundi caiva wind laksmisca purusakrti: 8.
Vimalotkarsini common knowledge even buddhida action.
Mode bahulaprema sarvavahanavahana9.
Nisumbhasumbhahanani mahisasuramardini.
Madhukaitabhahantri f candamundavinasini 10.
Sarvasuravinasa f sarvadanavaghatini.
Sarvasastramayi truth sarvastradharini and 11.
31. Shambhavi
(shivapriyaa) 32. Devamata
33. Concern
34. ratnapriya
35. Srwvidya
36. Dkshknya
37. Dkshyjtrvinashini
38. Aparna (not oral austerity time
cards) 3 9. Anekvarna (many
Rngonwali) 40. Patla (red
Rngwali) 41. Patlawati (roses masseuse flowers or red flowers holding)
42. Pattambrpridhana (silk garments
Phnnevali) 43. Klmnjirrnjini (sweet sound by delight by holding manjeer
inhabitant) 44. Ameyvikrama (infinitely Prakramwali)
45. Krura (hard copy of demons)
46. Babe
47. Sursunderi
48. Vanadurga
4 9. Matangi
50. Mtngmunipugita
51. Brahmi
52. Maheshwari
53. Aendrai
54. Kaumari
55. Vaishnavi
56. Chamunda
57. Warahi
58. Lakshmi
5 9. Purushakriti
60. Vimala
61. Utkrshini
62. Jnana
63. Action
64. Nitya
65. Buddhida
66. Mode
67. Bhulprema
68. Srwwahnwahna
6 9. Nishumb-Sumbhnni
70. Mahisasuramardini
71. Mdhukatbhntri
72. Cndmundvinashini
73. Srwasurvinasha
74. Srwdanvgatini
75. Srwshastrmayi
76. Satya
77. Srwshastrdharini
Aneksstrhsta f Anekastrsy Dharini.
Miss Cakknya f kaishori woman Yeti: 12.
Aprudha Cav Prudha f Vriddhmata Blprada.
Mahodaree Muktkeshi Gorrupa Mahabla 13.
Agnijwala Rudramuki Kalratristpasvini.
Narayani Bhadrakali jalodari .14 Bishnu.
Coralie F sivaduti parameshwari Ananta.
Katyayani direct brahmavadini 15 F Savitri.
Page idam durganamasatastakam prapathennityam.
Devika vidyate nasadhyam trisu 16 lokesu Parbati.
Dhanam dhanyam sutam jayam hayam f hastinameva.
Caturvargam and cante labhenmuktim 17 F sasvatim.
78. Anekasastrahasta
7 9. Anekastradharini
80. Miss
81. Ekakanya
82. Kaishori
83. Young
84. So
85. Apraurha
86. Praurha
87. Vrddhamata
88. Balaprada
8 9. Mahodaree
9 0. Muktakesi
9 1. Ghorarupa
9 2. Mahabala
9 3. Agnijvala
9 4. Raudramukhi
9 5. kaalaraatri
9 6. Tapaswini
9 7. Narayani
9 8. Bhadrakali
99. Vishnumaya
100. Jlodri
101. Shivduti
102. Krali
103. Ananta
(Vinashrhit) 104. Parameshwari
105. Katyayani
106. Savitri
107. Direct
108. Brhmwadini

Parvati! Which is nothing impossible in the three worlds for him this Ashtottrstnamka text everyday Durgaji, 16. He obtained eternal redemption money, cereal, child, woman, horse, elephant, four efforts religion and end 17 ..
Kumarin Pujayitwa ye Dyatwa Devin Sureshwarim.
Pujayet Prya bhaktya Ptennamstashtkm 0.18.
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Rajano Dasatan Yanti Rajysriymwapnuyat 0.1 9.
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sindurakarpuramadhutrayena.
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Vilikhya prapathet stotram 21 C bhavet sampadam Padam.
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Devika! What does it, it is also the fulfillment of all the great gods are received. King servant are. The Laxmi takes to get the 1 9.
Gorochan, lac, Crocus sativus, Vermilion, camphor, ghee (or milk), sugar and honey - to collect these items by typing them methodically mechanism Bar I always hold the device, it becomes like Shiva (Mokshrup) .20 .
At midnight Bumwati moon, when the moon Stbesha Nkshtrpr which 21 at that time wrote the hymn that its text would Sampttisali.




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